Tuesday, December 9, 2008

मेरी दोस्त जीना

मैं अभी बहुत हैरान हो गयी हूँ क्योंकि मुझे अभी अभी ख़बर आई है कि मेरी बचपन की सहेली, जीना, का शादी होने वाली है. कल रात को जीना ने मुझे तस्वीर भेजी उसकी "एन्गागेमेंट पार्टी" की. मुझे ये मालूम भी नही था कि उसकी मंगेतर है! जब जीना मेरी शादी में आई थी, तब उसने अपनी माँ अपने साथ लायी. लेकिन अब, अचानक, उसका मंगेतर है! मुझे ये लगता है कि ये जोड़ी उसकी माँ- बाप ने तय किया है. जीना की माता- पिता इराक के है और इसीलिए शायद वे अपने परम्परा से जीना की शादी करना चाहते है. सच बोलुं तो मुझे ये सब अच्छा नही लगता. जीना को अपने मर्जी से शादी करना चाहिए. हां, ये बात है की जीना तस्वीरों में खुश लग रही थी, लेकिन फिर भी, मुझे शक है. क्या इतने जल्दी में-- बस चार महीने --- एक लड़का - लडकी एक दूसरे को अच्छे से जान सकते है? और इस कम समय में शादी करना का गंभीर निर्णय ले सकते है? मेरे लिए इन दोनों प्रश्नों की उतर हरगिज़ नहीं है. इसलिए मैं अपने सहेली जीना के लिए बहुत चिंतित हूँ. मैं व्याकुल हूँ उससे मिलने के लिए. मैं उम्मीद करती हूँ कि अगले हफ्ते मैं उससे मिल पाऊँगी.

में बहुत व्याकुल हूँ

आज कल मैं बहुत व्याकुल हूँ कि इस "सेमेस्टर" जल्दी खत्म हो जाए. मुझे बहुत थकान हो गयी है. मैं बस आराम करना चाहती हूँ और बहुत फिल्मो और "टी. वी." प्रोग्राम देखना चाहती हूँ. ये सब मेरे लिए बहुत आवशयक हो गया है. मैं इस पूरे साल बस काम करती रही हूँ. अगर मुझे ये "ब्रेक" न मिल रही होती, तो पता नहीं क्या मेरा हाल हो जाता! मुझे यकीन है कि इस ब्रेक के बाद मैं पूरा “रिफ्रेश" हो जाउंगी और फिर काम करना मेरे लिए आसन हो जाएगा. लेकिन अब मैं तो बहुत थक गयी हूँ और अगले बुधवार के लिए बहुत इंतज़ार कर रही हूँ!

Tuesday, December 2, 2008

ट्रेन टु पाकिस्तान

मैं इस शुक्रवार को एक "प्रेजेंटेशन" दूंगी मेरे अंग्रेज़ी कक्षा में. इस कक्षा "ट्रौमा" के बारे में है. हम सुब कई तरह की दुर्घटनाए के बारे में बात किया है--हिरोशिमा की दो बम, कम्बोडिया में हिंसा और "जेनोसाइड" वगिरह, वगिरह. मैं इस शुक्रवार को भारत के विभाजन के बारे में बात करुँगी. खास तोर पर, मैं एक किताब पर बात करुँगी जो विभाजन के बारे में है-- लेखक खुशवंत सिंग का किताब, "ट्रेन टु पाकिस्तान." मैं दिकौंगी कि सिंग कैसे एक गाव का बदलाव देकाते है विभाजन के समय में. सिंग देकाते है कि लोग कैसे धेरे धेरे से बदलते है जब हिंसा बद जाती है, लोगों के पास विकुल्प कम हो जाती है, और लोग बहुत डरने लगते हैं। मैं दिकौंगी कि "ट्रौमा" लोगों पर कैसे गंभीर असर कर सकता है. ये किताब मुझे बहुत पसंद है, और मैं उम्मीद करती हूँ की मेरा "प्रेजेंटेशन" अच्छा होगा और दुसरे छात्र कुछ सिकेंगे.

Monday, December 1, 2008

मुंबई पर हमला

मुझे बहुत दुःख होता है जब भी मैं मुंबई की हमला के बारे में सोचती हूँ । मुझे बहुत गुस्सा आता है कि मुंबई पुलिस को कितना समय लगा जगह सुरक्षित करने में। लगता है कि पुलिस को भी ये मालूम नहीं था कि क्या होरा है और कहाँ। ये दुःख की बात है कि उस जगह को सुरक्षित करने में बहुत समय लगा। और भी दुःख की बात है कि कितना मासूम लोग मारे गए। कैसी दुनिया है कि लोग निर्दोष लोगों पर हिंसा करते रहते हैं? मुझे क्रोध आता है इस बात पर भी कि मैं कुछ भी कर नहीं सकती हूँ। में भल्ला यहाँ अम्रीका में क्या कर सकती हूँ? बस प्रार्थना कर सकती हूँ कि ऐसा हमला फिर कभी न हो.

"फ्रिएंड्स" टी.वी प्रोग्राम

आज कल मैं एक टी.वी प्रोग्राम देख रही हूँ जो बहुत पुराना है लेकिन मुझे अभी अभी पसंद आया है; उसका नाम "फ्रिएंड्स" है. ये प्रोग्राम 1994 में शुरू हुआ था जब मैं बस तेरा साल की थी. उस समय मुझे "फ्रिएंड्स" नहीं पसंद आया क्योंकि मैं कम उम्र की थी. लेकिन आज कल मुझे ये प्रोग्राम बहुत अच्छा लगने लगा है. एस प्रोग्राम की कहानी बहुत दिलचस्पी हैं और बहुत मनोरंजक. आज कल, अगर मेरे पास समय होता है, तो मैं बस यही प्रोग्राम देखना चाहती हूँ. मुझे अच्छा लगता है कि मुझे पूरा कहानी मालूम नहीं है; तो जब मैं देखती हूँ, मेरे लिए एक नय अनुभव होता है. मैं उम्मीद रखती हूँ कि ये प्रोग्राम एक दीन एक फ़िल्म बन जाए; मैं उस दिन बहुत खुश हूँगी!

में वापस आ गायी हूँ

मुझे दुःख है कि मैंने बहुत दिनों से "पोस्ट" नहीं किया है. सच बोलूं तो मुझे अभी बहुत बहुत काम है. पिछले हफ्ते "थान्क्स्गिविंग" थी और मेरी पति आया हुआ था. हम दोनों ने थोड़ा थोड़ा खाना बनाया, सफाई की, और फिर अपने दोस्तों को अपने घर बुलाया. फिर हम चारो ने "थान्क्स्गिविंग" साथ साथ मनाया. हम लोगों ने तुर्की, आलू, सब्जी, और कई तरह की चीज़ें खाई. हम लोगो ने भर पेट खाया, और बहुत बाते की. लग-भग नौ बजे मेरे दोस्तों निकल गाए. शुक्रवार को मैं और मेरे पति ने बहुत सोये. पता नहीं क्यों? हम दोनों रात में बहार गाए खाने के लिए. शनिवार को मुझे बहुत दुःख हुआ क्योंकि मेरे पति का जाने का समय आ गया था.

Monday, November 17, 2008

कुत्ते लेने की इच्छा

मुझे एक कुत्ता लेना का बहुत बहुत मन है। मुझे कुत्ते बहुत पसंद है जब से मैं बहुत छोटी थी। जब मैं छोटी थी तो मेरे पास एककुत्ता था जिसका नाम "निक्की" था। वह एक बहुत प्यारा कुत्ता था और बहुत अच्छा स्वभाव का था। लेकिन दुःख की बात हैकि "निक्की" कम उम्र में ठंडा हो गया। अब, दस सल् के बाद, मुझे एक कुत्ता लेने का बहुत मन है। ये बात है कि मेरे फ्लैट कीमालिक कुत्ते रहेने का इजाज़त देते हैं। और ये भी, मुझे एक साथी मिल जाएगा। मुझे एक छोटा सा कुत्ता चाहिए जो छोटा साफ्लैट में खुश रहे सके। अब मैं कुत्ता को नहीं ले सकती हूँ क्योंकि मैं बहुत व्यस्त हूँ; लेकिन, देखते है, शायद उगले साल में ठीकसमय आएगा एक कुत्ता लेने के लिए।

Saturday, November 15, 2008

"थान्क्स्गिविंग" का छुट्टी

मैं "थान्क्स्गिविंग" के लिए बहुत व्याकुल हूँ. मुझे ये छुट्टी बहुत पसंद है क्योंकि इस दिन बहुत खाना खाने की इजाज़त है. मुझे "थान्क्स्गिविंग" का सारा खाना पसंद है--- टुर्की, आलू, सब्जी, वगैरह वगैरह. और ये भी, मेरा पति "एन आर्बर" आ रहा है. मैं इस दिन मेरे दो दोस्तों को बुलौंगी और हम सब चारों "थान्क्स्गिविंग" मनाएंगे. उसके बाद मैं शायद एक फ़िल्म देखूंगी और फिर मुझे बहुत बहुत काम करना होगा. मुझे यकीन नहीं है कि अब "दिसम्बर" का महीना आने वाला है! समय बहुत बहुत जल्दी निकल गया है।

Monday, November 3, 2008

"हेप्पी-गो- लक्की" फ़िल्म

मैंने एक नय फ़िल्म देखी है जिसका नाम "हेप्पी-गो-लक्की" है; ये फिल्म एक "ब्रिटिश" औरत की कहानी बताती है, जिसका नाम "पोप्पी" है, और जो हमेशा ख़ुश रहेती है. जब भी देखो वह हमेशा हँसती रहेती है, और हमेशा सब लोगों को ख़ुश रखना चाहती है. पोप्पी एक अध्यापिका है जो बच्चों को सिकती है, और क्योंकि वह बच्चों की जैंसे है, वह एक बहुत अच्छी अध्यापिका बनती है. ये फिल्म देकाती है कि पोप्पी हमेशा दूसरों बारे में सोचती रहेती है। जब वह "ड्राइविंग" सीखती है, वह अपने क्रोधित रहेने वाले अध्यापक को ख़ुश करने के लिए कितना कोशिश करती है. मुझे ये फिल्म बहुत अच्छी लगी क्योंकी लोगों को कभी कभी ख़ुश रहेने के लिए याद दिलाना पड़ता हैं।

कल की चुनाव

मेरी राय में कल की चुनाव बहुत दिल्कास्पी होगा। लोग बहुत व्याकुल हेँ कि कौन इस चुनाव जीतेगा. मेरे ख़याल में "बराक ओबामा" को जितना चाहिए. अमरीका की हालत बहुत दिनों से बहुत बुरा हेँ, और "जर्ज बुश"और उनके साथियों ज़िम्मेदारी हेँ. अब समय आ गया हेँ कि किसी और को मौक़ा मिले जो इस देश को ठीक करे। मुझे लगता हेँ कि कल "बराक ओबामा" जीतेगा. मुझे ये भी लगता हेँ कि "सेरा पय्लिन" ने "म्क्कायं" को मदद नही किया क्योंकि लोगों को लगता हेँ कि वह बिल्कुल बेवकूफ हेँ. और ये बिल्कुल सच हें. मुझे पुरा उम्मीद हें कि "बराक ओबामा" की विजय कल होगी! लोगों को ये मालूम पड़ गया हें कि आज परिवर्तन का समय आ गया हें अम्रीका के लिए।

Tuesday, October 28, 2008

आज दिवाली हें

आज एक बहुत मत्त्वपूर्ण दिन हें-- आज दिवाली हें। आज सब हिंदू लोग अपने अपने परिवार और दोस्तों को "शुभ दिवाली" कहते हें और साथ में मानते भी हेँ। दिवाली मानाने की लिए कई तरह होती हें। लोग एक दुसरे को तोहफा देते हें, भगवन राम की पूजा करते हें, नए कपड़े पहेंते हें, वागिरह, वागिरह। और एक बात और, लोग दिवाली कि दिन माँस नहीं खाते हेँ । मुझे लगता हेँ माँस इसीलिए नहीं खाया जाता हेँ क्योकि अपने शरीर साफ रकना चाहिए जब शुभ दिन दोती हेँ, और माँस को साफ और सुद्ध नहीं माना जाता हेँ।

अफ़सोस की बात हेँ कि मैं दिवाली की लिए बहुत कुछ खास नहीं कर सकती। अगर मैं घर होती, तो मैं अपनी माँ के साथ पूजा करती, खाना बनाती, वागिरह, वागिरह। लेकिन मैं एक विद्यार्थी हूँ, इसीलिए ये सब कम अकेले करना अच्छा नहीं लगता। लेकिन हा, आज मै भारतीय खाना ज़रूर खाऊँगी!

Sunday, October 26, 2008

मेरे राय चुनाव के बारे में

मैं अपनी राय २००८ अमरीकी "प्रेसिदेंशेल" चुनाव के बारे मैं देती हूँ। मुझे बहुत खुशी होती हें कि ये लगता हें कि "बराक ओबामा" इस चुनाव को जितने वाला हें। "जॉन म्क्कायं" की आभिथान बिल्कुल बेकार हें, खास तोर से, जो "म्क्कायं" चुना हें अपनी साथी की लिए, "सेरा पय्लेन।" "पय्लेन" को बिल्कुल कोई ज्ञान नही हेँ; वह बस सुंदर लगती हेँ और बहुत शोर मचा सकती हेँ। लगता हेँ "म्क्कायं" अपने बुदापन में ठीक से सोच नहीं सकता। अपनी सुंदर बीवी और सुंदर "सेरा पय्लेन" के बगैर उसके पास अब रहे क्या गया? उसको अब ज़रूर जान पद गया हेँ कि वह हारने वाला हेँ तो फिर उसके पास "ओबामा" को गलियां देने की बगैर अब रहे क्या गया हेँ? मुझे लगता हेँ कि "म्क्कायं" का स्वस्थ बिल्कुल अच्छी नहीं हें; इसीलिए अगर वह "प्रेजिडेंट" न बने तो अच्छा रहेगा सब लोगो की लिए। मुझे बहुत उम्मीद हें कि "ओबामा" इस चुनाव वह जेतेगा और बहुत अच्छे से राज करेगा; वह अम्रीका का मन सरे दुनिया में बढाएगा।

Wednesday, October 22, 2008

मेरा सप्ताहांत

मैं अपना छुटी के बारे में और बताती हूँ। शनिवार को मैंने अपने प्रोफ़ेसर से मिली शिकागो में। उन्हों ने मुझे बहुत ज्ञान और सलाह दिया मेरे पदाई के बारे में। उसके बाद मैंने एक और दोस्त से मिली जिसको मैंने बहुत सालो के बाद नहीं देखा। वह एक छात्र हें "नोर्थ्वेस्तेर्ण" विस्वविद्यालय में। मैंने उस से बहुत देर तक बात की। उसके बाद मैंने अपने परिवार से मिली शिकागो के "दोवं तवं" में। तब हम सब शौपिंग गाए. मैंने अपने छोटीसी प्यारी बंजी किल ये एक "परफ्यूम" करीदी। उस के बाद हम सब शिकागो के सब से लोकप्रिय "पिज्जा" खाए। इस "पिज्जा' खाने स मेरा जी भरा क्योंकि मुझे ये पिज्जा बहुत स्वादिष्ट लगती हें और में बहुत खा नहीं सकती हूँ क्योंकि में शिकागो में नहीं रहेती। नेस्न्दाए, मेरा शनिवार बहुत अच्छा रहा।

Tuesday, October 21, 2008

मेरा सप्ताहांत

मैं अपना लंबा "फाल ब्रेक" के बारे में बताती हूँ। मैंने शुक्रवार को ब्रत किया करवा चौथ की लिए और मैंने अपने गाड़ी में शिकागो गए, जहा मेरे ममेरी बहिन रहेती हैं। वाहा मेरी माँ थी करवा चौथ मानाने की लिए, और मेरी मौसी जो भारत से आई थी। दुःख की बात हें कि मैंने शुक्रवार को बहुत ढेर से शिकागो पहुँची। मुझे एन अर्बोर निकलने में एक "ट्रैफिक जम" में फूस गए। इसीलिए मुझे दो घंटे का देर हो गए। जब मैं आए, मेरी ममेरी बहिन, मौसी, और माँ ने पूजा ख़त्म किया था। मुझे रस्ते में बहुत ज़ोर से भूंक लग रही थी। मुझे बहुत ज़ोर से सिर का दर्द भी होरा था। मुझे लग रहा था कि में शिकागो कैसे पहुँच सकुंगी क्योकि मेरा सिर का दर्द इतना भयानक था! करेब नौ बजे मैंने रुखकर एक "काफी" करीदी ताकि में ठीक से पहुँच सकूँ। जब मैं घर आए, तो मैंने पेट भर कर खाया!

Sunday, October 12, 2008

दुचेस फ़िल्म

में दुचेस फ़िल्म के बारे में पुरा बात बताती हूँ। जब दुक को मालूम पडता हें कि अपनी पत्नी का सिलसिला चुल रहा हें, तो वह बहुत ख्रोदित हो जाते हें। वो अपने पत्नी को दुमकी देता हें कि अगर वो अपनी सिलसिला कतम नहीं करती, तो वह उसकी प्रेमी का राज नैतिक का सपना बिगड़ देंगे। और दुक ये भी कहते हें कि दुचेस अपनी बच्चो को नहीं देख पयिगी। दुचेस, ये बात सुन कर बहुत बहुत दुखी हो गए। वह क्या करेगी? और ये बात भी थी कि दुक अपने प्रेमिका को नहीं छोडेगा! तो फिर ये बात थी: दुक किल ये एक नयीम थी, और उसकी पत्नी किल ये दूसरी नीयम थी।

फ़िल्म ये देकाती हें कि दुचेस में कितना आत्मा शक्ति थी। चुकी वह अपने प्रेमी का सपने नहीं बिगारना चाहती थी, और अपने बच्चो से नहीं धूर रहेना चाहती थी, वह अपने पति की बात मन लेती हें। वह अपने घर लोट जाती हें, अपने प्रेमी को समझा लेती हें, और अपना ज़िन्दगी आगे बदा लेती हें।

Saturday, October 11, 2008

दुचेस फ़िल्म

मैंने अभी दुचेस फ़िल्म देखा हें। मुझे ये फ़िल्म बहुत पसंद आए। एस फ़िल्म "खीरा नाइटली" हें और उसने बहुत अच्छा अभिनय किया हें। ये फ़िल्म दो सो सल् पहले इंग्लैंड की कहानी हें। एक "दुचेस" थी और उसका ज़िन्दगी की कहानी बताई गए हें। वो कम उम्र में एक दुक से शादी करती हें; दुक को एक पुत्र बहुत जल्दी चहेते थे अपने अम्पत्ति सौपने किल ये। वो अपने पत्नी को सिर्फ़ एस वजह किल ये शादी किया था। उनकी शादी में बिल्कुल संह या प्रेम नही था। जब दुचेस ने एक लडकी को पैदा दिया, थो दुक बहुत नाराज हुए। वैसे थो, दुक का स्वभाव बहुत करब था। वो सिर्फ लड़का पैदा होने किल ये व्याकुल थे। और ये भी, उनके बहुत सिलसिले चुलते रहेते थे। उन्हों ने अपने एक प्रेमिका को घर में रहेने की इजाज़त दी। खेने की ज़रूरत नही हें कि ये बात दुचेस को बहुत दुःख पहुंचाया, क्योकि ये प्रेमिका उसकी दोस्त थी।

जब वो और बरदास्त नही कर पाए, थो दुचेस ने अपने सिलसिला भी शुरू किया। फ़िल्म ये देकाता हें की जब दुक को ये बात मालूम पडता, थो वो कितना नीच इंसान हें--अपने सिलसिले की बात चोर दो, उसकी पत्नी को किसी तरह से खुश होने का कोई हक नहीं हें....

Monday, October 6, 2008

आईफोन में इतना क्या खास बात हें?

लोग सोचते थे की आईफोन में क्या खास चीज़ होती हें? में भी ऐसी सोचती थी। में सोचती थी, अरे एप्पल बार बार नया चीज़ बना रही हे, इस चीज़ में कुछ खास नहीं हो सकती। मैं बहुत ग़लत थी! मैंने आईफोन अभी लिया हें, और मुझे अभी महसूस होरा हें कि ये चीज़ कितनी अच्छी हें--जो शोर लोग मचा रहे हें, उसमे स्थ हें। अगर आपके पास आईफोन हें, तो आपको बस यही चीज़ आपके साथ लेचलना पड़गा। आईफोन में आप आपना ईमेल देख सकते हें, गाना सुन सकते हें, बात कर सकते हें, वगैरा वगैरा। हाँ, ये बात हें कि अगर आप अपना आईफोन खो दे, तो आपको बहुत नुकसान मिलेगा क्योकि इतने सारे चीजे एक साथ जुडी हुई हें आईफोन में। इसीलिए आपको आपना आईफोन पर बहुत ध्यान देना चाहिए। फिर भी, मुझे मेरी नया खिलौना बहुत बहुत पसंद हें!

Saturday, October 4, 2008

मेरा सप्ताहांत

मैं इस सप्तहांत डी सि में हुँ। मैं अपने पति से मिल रही हुँ। वो सोमवार से अपने वकील का काम शुरु करेगा। मैंने इस ट्रिप पर उसका फ्लैट पहली बार देखा हैं--वो बहुत बड़ा और सुंदर हें। मेरे पति एस फ्लैट में अभी अभी शिफ्ट हुए हे। हम दोनों ने आज शौपिंग गए और उसके फ्लैट किल ये थोड़ा सा सामान खरेदी। मुझे यहाँ बहुत अच्छा लगरा हें क्योकि में भी डी सी में रही हूँ--मुझे यहाँ का कइ खाने के जगे पसंद हें, शौपिंग के जगे, यानि की मुझे डी सी का फेचन हे। और हा, डी सी का मौसम एन आर्बर से बहुत अच्छा हें --अभी यहाँ इतना ठंड नहीं हें। डी सी एन आर्बर से ज़्यादा बड़ा भी हें और इसीलिए भी मुझे ज़्यादा पसंद हे। और फिर भी, मेरे पति तो यहाँ हें!

Thursday, October 2, 2008

भारत और अमरीकी गरीब लोगो की तुलना

हा, मेरे खयाल में हल्कू की तुलना अमरीकी बेघर लोगो से की जा सकती हे। जैसे हल्कू हे, वैसे भी अमरीकी गरीब लोग बहुत मजबूर होते हें। उन सब के पास ज़्यादा विकल्प नहीं होते हें। पैसे बहुत कम रहते हें, और जल्दी हाथ से चूथे हें। जैसे हल्कू हें, वैसे गरीब लोगो का बहुत ऋण होते हे और वे मजबूर होते हे ऋण जुकाने में। गरीब लोगो की अधिकार कोई नहीं मानता। इसीलिए उन सब को बहुत कुछ बरदाश करना पडता हे--जैसे हल्कू की सहना के गालीया खाना पडा। वे जहा भी हो, गरीब लोगो के स्थान ज्यादातर एक जैसे होते हें।
हा, ये बात सच हे की अमरीका में ज़्यादा प्रोग्राम होते हें जो गरीब लोगो की मदद कर सकती हें। भारत को एन जैसे प्रोग्राम को अपनाना चाहिए ताकि गरीब लोगो को कम से कम मोका मिल जाए आपने ज़िन्दगी को सुधरने की।

Tuesday, September 23, 2008

शादी का धन्यवाद (पार्ट २)

प्रिय दादीजी,

आपको मेरी शादी में आने किल ये बहुत बहुत धन्यवाद। आप के आने से मुझे बहुत बहुत खुशी आई और मेरेमाता, पिता, और प्रियंका को भी। आप पहले आकर बहुत मदद भी किया और एस किल ये भी धन्यवाद। आपके आने से हम सब को बहुत खुशी और शन्ति मीली। आप के आशीर्वाद और उदार थोफा किल ये भी बहुतधन्यवाद। और हा, दादीजी, आप बहुत अच्छा भी नाचती हें!

में उम्मीद करती हूँ की में और टीम फिर आप से जल्दी मिल सके; आप ज़रूर मेरे घर एन आर्बर
में आयेगा या मेराघर दी सी में। में आप से भारत और आपने परिवार के बारे में बहुत बात करना चाथी हूँ!

प्रेम से,
मोनिका और टीम

शादी का धन्यवाद

प्रिय चकुन मौसी,

आपको मेरी शादी में आने किल ये बहुत बहुत धन्यवादमुझे बहुत खुशी हुई की आप आए और हम सब के साथ मेरी और टिम की शादी मनायेआप के आने से हमारे सारे परिवार को बहुत आनंद मिलाआप ने बहुत कुछ मदद भी किया और एस किल ये भी बहुत धन्यवादअगर आप नही आते तो शादी इतना अच्छा नही लगता और इतना मज़ा नही आतामुझे उम्मीद हें की आप को भी अमरीका पसंद आई हें और आप को शादी अच्छा लगाआप के आने से में और टिम खिल उठतयमें आशा करती हूँ की हम दोनों जल्दी भारत फिर सके और आप से, मौसाजी से, और भूषण से मिलू

प्रेम से,
मोनिका और टिम

Monday, September 15, 2008

मेरा परिवार

मेरा परिवार मेम्फिस में हें। वहा मेरी माँ, पिता, और बहिन रहेते हें। मेरा पिता एक प्रोफ़ेसर हें जो विस्वविद्यालय मेम्फिस में हें। मेरी माँ अभी कम नहीं करती हें, लेकिन वो पहेली कम करती थी। मेरी बहिन छात्रा हें उस्सी विस्वविद्यालय में जहा हमारे पिता पर्दतऐ हें। मुझे अच्छा लगता हें की मुझे बस एक्खी शहर जाना पर्दथा हें अपने परिवार को मिलने किल ये। मेम्फिस में मेरा चाचा और चची भी रहेथे हें। अमरीका में मुझे और रिशठेदारो भी हें। मेरे दो मौसेरी बहिने हें: एक शिकागो में रहेथी हें उसके पति और प्यारी सी बच्ची की साथ; और एक और मौसेरी बहिन बोसटन में हें उसकी पति की साथ। मेरे नानीजी की छोटे भाई भी फ्लोरिडा में रहेथे हें। एस के इलावा मेरे और रिशठेदारो भी हें, लेकिन धूर के संबंद के। मुझे बहुत खुशी हुई जब एन सरे लोग पिछले महीना मेंफीस आए मेरा शादी किल ये। में बहुत स्वभागिथ हूँ.

में और मेरा पति

आज कल मेरा पति मेरे साथ रहेता हें. हम दोनों की शादी की बस एक महीना हुआ हें। उसका यहाँ रहेने से मेरे लिए बहुत अच्छा हें क्योकी वो मेरे लिए बहुत कुछ काम कर रहा हें! वो मेरा सारा सामान इकीया से ठीक किया हें, और वो मुझे रोज़ कैम्पस पैर भी चोर देता हें. इसलिए आज कल मेरा सारा कम बहुत आसन हो गया हें; मेरा क्या टाट हें न? लेकिन हमेशा किल ये नहीं. मुझे दुःख होता हें की वो अगले हफ्ते को वापस डी सी लोट चूले जाएगा. उसको जाना पर्देगा क्योकी उसका कम अक्टूबर में शुरू हो रही हें. लेकिन फिर भी, मुझे उम्मीद हें की वो फिर एन आर्बर आयेगा मुझे मिलने किल्ये, लेकिन हां, मुझे वहा ज़्यादा जाना होगा क्योकी मुझे उससे ज़्यादा फुर्सत मिलता हें.

Monday, September 8, 2008

Post #1, Monday, Sept. 8, 2008: मेरा सप्थाहंथ

मैंने एस सप्ताहांत में बहुत कुछ किया. चूकी मेरा फ्लैट अभी बिल्कुल ख़ाली हे, मैंने मेरा पति के साथ बहुत शौपिंग किया. हम दोनों ने "ऐकिया" तीन बार गए और बहुत कुछ सामान वहा से खरीदा. एक दिल्चुस्प बात हेई, "ऐकिया" में हमेशा मुझे बहुत भरती लोग देखाई देतें हें. हम दोनों एक अच्छा दोस्त से भी मिले और उसके साथ लंच खाया. हमारा दोस्त का नम क्रिस हें और वो मेरे पति के साथ "लव स्कूल" गया; वो "मिशिगन" से भी हें. इसीलिये जब हम दोनों उस से मिले, तो "देत्रोइट" के बारे में बहुत बात किया और पुचा की आसपास में क्या देखने लाएक चेज़े हें.

मैंने अपने परिवार से भी बात किया. मेरी मौसी भारत से आई हुई हे. मेरी मौसी, मेरी दो मौसेरी भेहने, और मेरी माँ सब टेरे हुए हें मेरे नानी की भाई के यहाँ (मेरा "ग्रैंड अंकल") जो "फ्लोरिडा" में रहेते हें. वे सरे "फ्लोरिडा" में बहुत मज़ा कर रहे हें. शनिवार को वे सब समुद्र गए थे. जब में उन सब से बात किया तो मुझे दुख हुआ की में वाहा क्यों नही हु?