Monday, December 1, 2008

मुंबई पर हमला

मुझे बहुत दुःख होता है जब भी मैं मुंबई की हमला के बारे में सोचती हूँ । मुझे बहुत गुस्सा आता है कि मुंबई पुलिस को कितना समय लगा जगह सुरक्षित करने में। लगता है कि पुलिस को भी ये मालूम नहीं था कि क्या होरा है और कहाँ। ये दुःख की बात है कि उस जगह को सुरक्षित करने में बहुत समय लगा। और भी दुःख की बात है कि कितना मासूम लोग मारे गए। कैसी दुनिया है कि लोग निर्दोष लोगों पर हिंसा करते रहते हैं? मुझे क्रोध आता है इस बात पर भी कि मैं कुछ भी कर नहीं सकती हूँ। में भल्ला यहाँ अम्रीका में क्या कर सकती हूँ? बस प्रार्थना कर सकती हूँ कि ऐसा हमला फिर कभी न हो.

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